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भाजपा नेता हत्याकांड में 6 दोषियों को उम्रकैद

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श्रावस्ती। जिला एवं सत्र न्यायालय ने बहुचर्चित भाजपा नेता माता प्रसाद उर्फ करिया कोटेदार हत्याकांड में बड़ा फैसला सुनाया है। जिला जज राकेश धर द्विवेदी की अदालत ने गुरुवार को छह अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त पर 22,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न अदा करने पर अभियुक्तों को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) सत्येंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि यह घटना 13 जून 2023 की रात करीब 10 बजे की है। चकपिहानी गाँव निवासी भाजपा नेता माता प्रसाद उर्फ करिया कोटेदार ग्राम बालानगर निवासी पूतराम वर्मा के यहां एक निमंत्रण में भोजन करने गए थे। वापसी के दौरान, गांव के ही कुछ लोगों ने पुरानी रंजिश को लेकर उन पर घात लगाकर हमला किया।

पूर्व नियोजित थी हत्या की साजिश

आरोपियों में बड़के वर्मा उर्फ सोहनलाल वर्मा, पंकज वर्मा, अनूप वर्मा, पुत्तीलाल वर्मा, अरविंद वर्मा, और राम अवतार राव ने पालेसर के पास पूर्व नियोजित योजना के तहत माता प्रसाद को लाठी, डंडा और टेंगारी से बेरहमी से पीटा। इस घटना के दौरान जब राहगीर मौके पर पहुंचे तो अभियुक्तों ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि यदि कोई बीच में पड़ा तो अंजाम बुरा होगा। इसके बाद सभी आरोपी घायल माता प्रसाद को मृत समझकर फरार हो गए।

उपचार के दौरान हुई थी मृत्यु

गंभीर रूप से घायल माता प्रसाद को स्थानीय लोगों की मदद से जिला अस्पताल भिनगा लाया गया, जहां से उन्हें लखनऊ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया था। लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। होश में आने पर माता प्रसाद ने अपने पिता राधिका प्रसाद को पूरी घटना बताई थी, जिसके आधार पर थाना भिनगा में मुकदमा दर्ज किया गया।

विवेचना और न्यायालय का फैसला

पुलिस विवेचना के बाद सभी छह अभियुक्तों के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया गया। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायालय में हुई। वहीं मामले की अंतिम सुनवाई जिला जज श्रावस्ती की अदालत पर हुई। जहां जिला जज राकेश धर द्विवेदी ने 6 अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई व प्रति अभियुक्त को 22000 रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया है। साथ ही अर्थ दंड की राशि अदा न करने पर अभियुक्तों को 1 वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। बताते चलें कि सबूतों, गवाहों और चिकित्सकीय रिपोर्टों के आधार पर न्यायालय ने सभी अभियुक्तों को दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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