श्रावस्ती। संयुक्त जिला चिकित्सालय में तैनात चिकित्साधिकारी एवं पूर्व प्रभारी सीएमएस डॉ. के.डी. गुप्ता पर डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। डॉ. गुप्ता पर यह कार्रवाई तब की गई जब विभागीय जांच में यह साबित हुआ कि उन्होंने महोबा जिले में तैनाती के दौरान न केवल निजी प्रैक्टिस की, बल्कि मेडिकल स्टोर संचालकों से मिलीभगत कर वित्तीय अनियमितताएं भी कीं।
बताया जाता है जांच रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि डॉ. गुप्ता ने सरकारी सेवा में रहते हुए एनपीए (Non Practicing Allowance) प्राप्त किया, जबकि उसी अवधि में वे निजी क्लीनिक संचालित कर रहे थे। यह सरकारी सेवा आचरण नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। इसके अलावा, जांच में यह भी पाया गया कि उन्होंने मेडिकल स्टोर संचालकों से सांठगांठ कर दवा आपूर्ति और खरीद में अनुचित लाभ अर्जित किया।
इन गंभीर आरोपों के आधार पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कड़ा रुख अपनाते हुए डॉ. गुप्ता की तीन वेतन वृद्धियां स्थाई रूप से रोकने का निर्णय लिया है। साथ ही, उन्हें परिनिन्दा (Censure) का दंड दिया गया है। यही नहीं, महोबा में तैनाती के दौरान निजी प्रैक्टिस से अर्जित की गई आय को ब्याज सहित वसूलने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
वहीं, स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार यह मामला लंबे समय से जांच के अधीन था। कई बार चेतावनी और स्पष्टीकरण मांगे जाने के बावजूद डॉ. गुप्ता के आचरण में सुधार नहीं हुआ। अंततः विभागीय जांच पूरी होने के बाद यह कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। अन्य जिलों में भी ऐसे मामलों की पुनः समीक्षा की जा रही है ताकि सरकारी सेवाओं में नैतिकता और पारदर्शिता बनाए रखी जा सके।