भोपाल के ऐशबाग क्षेत्र में बने 90 डिग्री मोड़ वाले रेलवे ओवरब्रिज (ROB) का उद्घाटन टाल दिया गया है। गुरुवार को अमर उजाला संवाद – मध्य प्रदेश के मंच पर मुख्यमंत्री मोहन यादव से इस ओवरब्रिज के बारे में सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि ब्रिज के निर्माण में हुई खामियों को सुधारा जाएगा। गलत डिजाइन के लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट संकेत भी दे दिए कि तकनीकी खामियां जब तक दूर नहीं होंगी, तब तक उद्घाटन नहीं होगा।
18 करोड़ का पुल, जो खराब इंजीनियरिंग की वजह से सुर्खियों में आया
दरअसल, मध्य प्रदेश लोक निर्माण विभाग ने 18 करोड़ की लागत से इस आरओबी का निर्माण किया है। डिजाइन में खामियों की वजह से यह सोशल मीडिया पर देशभर में चर्चा में आया। इसके बाद जिम्मेदारों की तरफ इसका ध्यान गया। विभाग के मंत्री राकेश सिंह ने मामले में एक समिति गठित की। इसमें दो मुख्य अभियंता, दो कार्यकारी अभियंता और एक सहायक यंत्री शामिल थे। इन्होंने स्थल निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट सौंप दी है।
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मुख्यमंत्री ने इस ओवरब्रिज के बारे में आखिर क्या कहा?
मुख्यमंत्री यादव ने इस विषय पर पहली प्रतिक्रिया अमर उजाला के मंच से दी। उन्होंने कहा, ”यह 2022 से बन रहा था। मेरे आने के बाद तो उसका लोकार्पण भी नहीं हुआ। निर्माण कार्य में कोई भी गलती होती है तो दुरुस्त की जा सकती है। हमने तो कहा है कि दुरुस्त करो। गलती हुई है तो सुधार देंगे। यही तो लोकतंत्र की खूबसूरती है कि गलत हो गया तो समाज ने बता दिया। समाज ने बताया तो सुधार देंगे। …इंजीनियर से, रेलवे से या ठेकेदार से गलती हुई होगी। जिसने गलती की, उसे सजा भी दे देंगे।”
ब्रिज बनाना जरूरी क्यों?
बरखेड़ी फाटक से पांच लाख की आबादी के लिए आवागमन सुविधाजनक नहीं था। रेलवे को भी ऑपरेशनल दिक्कतें आ रही थीं। यहां हादसे भी बढ़ रहे थे। इसी वजह से यहां ओवरब्रिज बनाने को लेकर रिपोर्ट दी गई थी। 2018 में पहली बार इसकी डिजाइन बनी थी, लेकिन कुछ कारणों से उस पर सहमति नहीं बन पाई। इसकी जमीन की कम उपलब्धता को देखते हुए वहीं पर ओवरब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया।
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