श्रावस्ती। कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी अश्विनी कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित सभी कार्यक्रमों की गहन समीक्षा बैठक हुई। बैठक में डीएम ने जमकर फटकार लगाते हुए स्वास्थ्य विभाग के ढर्रे पर सवाल उठाए और कई अफसरों को चेतावनी भी दी।
बैठक के दौरान संयुक्त जिला चिकित्सालय में तैनात डॉ. दिग्विजय नाथ के कई दिनों से अनुपस्थित रहने पर जिलाधिकारी ने उनका वेतन रोकने और कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
डीएम ने सभी चिकित्सकों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि संयुक्त जिला चिकित्सालय और सीएचसी में तैनात डॉक्टर अपने आवास या कार्यस्थल से 10 किमी के दायरे में ही निवास करें, अनुपस्थित या गैरहाजिर पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।उन्होंने साफ कहा कि सरकारी डॉक्टर निजी अस्पतालों में इलाज करते मिले तो बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे चिकित्सकों पर विभागीय कार्रवाई तय है।
जिलाधिकारी ने चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश दिया कि अस्पतालों की साफ-सफाई बेहतर ढंग से कराना सुनिश्चित करें, वरना निरीक्षण के दौरान गंदगी मिलने पर कार्रवाई होगी। बैठक में टीकाकरण, आयुष्मान भारत, क्षयरोग, कुष्ठ रोग और परिवार नियोजन कार्यक्रमों की भी विस्तार से समीक्षा हुई। डीएम ने कम टीकाकरण कवरेज और लचर परिवार नियोजन प्रदर्शन पर नाराजगी जताई।
डीएम ने कहा कि जिन परिवारों में केवल एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड बना है, उन परिवारों की सूची पंचायत सहायकों को दी जाए, ताकि बाकी सदस्यों के कार्ड जल्द बन सकें। बायोमेडिकल वेस्ट के अव्यवस्थित निस्तारण पर भी डीएम ने नाराजगी जताई और अधीक्षक को निर्देश दिया कि कार्यदायी संस्था से समन्वय कर सफाई व्यवस्था दुरुस्त करें।
डीएम का दो टूक संदेश — “सरकारी वेतन लेने वाले डॉक्टर सरकारी अस्पताल में ही करें सेवा, निजी प्रैक्टिस करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई।”









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